श्री लंका कब स्वतंत्र हुआ – sri lanka kab swatantra hua
हैलो दोस्तो कैसे हो आप सब लोग , में आशा करता हूं कि आप सभी लोग कुशल होंगे । आज के इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि श्री लंका कब स्वतंत्र हुआ – sri lanka kab swatantra hua और श्री लंका के इतिहास के बारे में विस्तार से बताएंगे । अगर आप को भी श्री लंका के बारे में जानना है तो इस आर्टिकल को य पड़े ।
दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हम श्री लंका के बारे में जानेंगे । आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि श्री लंका कब स्वतंत्र हुआ – sri lanka kab swatantra hua , श्री लंका को स्वतंत्र कराने में श्री लंका के किन नेतावो ने अहम भूमिका निभाई , और साथ – ही – साथ श्री लंका के बारे में भी सामान्य जानकारी जानेंगे । अगर आप को भी इन विषयों पर जानकारी प्राप्त करनी है तो इस आर्टिकल को पूरा पड़े । तो चलिए करते हैं आज का आर्टिकल स्टार्ट –
श्री लंका कब स्वतंत्र हुआ
श्री लंका कब स्वतंत्र हुआ – sri lanka kab swatantra hua
दोस्तो जैसा कि बताया जाता है कि लगभग सभी देश किसी ना किसी देश के गुलाम रहे हैं । हर देश पर किसी और देश का शासन था । और हर देश को उस दूसरे देश से स्वतंत्र होने के लिए आजादी कि लड़ाई लड़नी पड़ी थी , तभी जाके उनके देश दूसरे देश से स्वतंत्र हुए थे । हर देश में एक ना एक महान क्रांतिकारी हुआ है जीनोन अपने देश कि आजादी कि सुरावत कि और आपने देश को आजादी दिलाई है । जिनोन अपने देश कि जनता को एक सूत्र में बांधने का काम किया , जीनोने देश कि जनता को आजादी का सपना दिखाया ।
कुछ इसी तरह श्री लंका पर भी अंग्रजों का शासन काल था । बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में हैं श्री लंका के लोगो में आजादी के लिए धीरे – धीरे आग जलना प्रारम्भ हो गई थी । श्री लंका के शिक्षित वर्ग के व्यक्तियों ने आगे जाके लोगो को आजादी के प्रति जागरूक किया , और इन्हे अंग्रजों का बहिष्कार करने के लिए एकत्रित किया । श्री लंका कि आजादी कि लड़ाई को शांतिपूर्वक राजनीतक लड़ाई के नाम से जाना जाता हैं । श्री लंका कि आजादी कि लड़ाई का जिमा शिक्षित वर्ग के व्यक्तियों द्वारा उठाया गया था , इसलिए उन्होंने सिर्फ अंग्रजों का बहिष्कार किया उन्होंने अंग्रजों के खिलाफ युद्ध नहीं किया ।
जैसे – जैसे श्री लंका कि आजादी के लिए लड़ाई मजबूत होती जा रही थी वैसे ही अंग्रजी शासन कमजोर पड़ता जा रहा था । फिर आया द्रतिय विश्व युद्ध , इस युद्ध ने अंग्रजों का पूरा ध्यान अपनी तरफ खींच लिया ओर वो युद्ध में ज्यादा ध्यान देने लगे , और वही दूसरी तरफ श्री लंका कि लड़ाई आपनी पूरे आक्रोश पर आ गई ओर श्री लंका के लोगो ने खुल के अंग्रेजी सरकार का सामना किया । क्यों कि अभी श्री लंका का पूरा ध्यान सिर्फ युद्ध पर था ओर वो लंका कि तरफ कम ध्यान दे रहे थे ।
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जिसके फस्वरूप दृतिय विश्व युद्ध के समाप्त होते – होते श्री लंका कि आजादी कि लड़ाई काफी मजबूत हो गई थी । और आब श्री लंका के लोगो मे पूरी तरह ईस्ट इंडिया कंपनी यानी अंग्रजी शासन के खिलाफ आक्रोश भर चुका था , जिसके फस्वरूप अंग्रजी शासन ने श्री लंका को 4 जनवरी 1948 में एक डोमिनियन राष्ट्र के रूप में स्वतंत्रता दे दी । इसके अगले 24 वर्षो तक श्री लंका एक डोमिनियन राष्ट्र बन के रहा , उसके पश्चात आगे चलकर सन् 22 मई , 1972 को श्री लंका को एक गणतंत्र देश घोषित कर दिया गया ।
श्री लंका के बारे में सामान्य जानकारी –
अब हम श्री लंका के बारे में सामान्य जानकारी जानेंगे । क्या आप को पता है श्री लंका का नाम श्री लंका नहीं बल्कि सीलोन था , जिसका आगे चलकर सन् 1972 में बदलकर लंका कर दी गई था , वरना इससे पहले इसको सीलोन के नाम से ही जाना जाता था । इसके अलावा और आगे चलकर इसके नाम में और बदलाव किया गया और सन् 1978 में इसके आगे एक समान सूचक शब्द ” श्री ” जोड़ा गया जिसके बाद इसको श्री लंका के नाम से जाना जाने लगा ।
श्री लंका कि राजधानी श्री जयवर्धनेपूरा कोटा हैं । श्री लंका के वर्तमान राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे हैं । और वर्तमान प्रधानमंत्री महिन्द राजपक्ष हैं । श्री लंका का सबसे बड़ा शहर कोलम्बो है । श्री लंका का राष्ट्रगान ” श्री लंका माता ” हैं । भारत के दक्षिण में स्थित इस देश कि लंबाई भारत से सिर्फ 32 किलो मीटर है । इसी कारण प्राचीन काल में भारत के कई राजाओं ने श्री लंका पर आक्रमण किया । तीसरी सदी पूर्व भारत के महान राजा अशोक के पुत्र महेंद्र ने श्री लंका में बौद्ध धर्म का प्रचार – प्रसार किया , और श्री लंका में बौद्ध धर्म कि स्थापना कि थी ।
निष्कर्ष –
आज के इस आर्टिकल में हमने श्री लंका के बारे में बताया हैं । हमने आज के इस आर्टिकल में बताया हैं कि श्री लंका कब स्वतंत्र हुआ – sri lanka kab swatantra hua था । श्री लंका को स्वतंत्र कनवाने में किस वर्ग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । इसके अलावा हमने इस आर्टिकल में हमने श्री लंका के बारे में सामान्य जानकारी के बारे में भी बताया हैं ।
जिस प्रकार लगभग सभी देश कभी – ना – कभी किसी – ना – किसी देश के गुलाम थे , यानी किसी और देश का शासन था उस देश पर , ठीक इसी प्रकार श्री लंका पर भी अंग्रजों का शासन था । श्री लंका ने शांति पूर्वक राजनेतिक तरीके से लड़ाई लड़ी और अपने देश को आजादी दिलाई थी । इसलिए इस आंदोलन को शांतिपूर्वक राजनीतक आन्दोलन के नाम से भी जाना जाता हैं । इसके अलावा हमने इस आर्टिकल में श्री लंका के बारे में कुछ सामान्य जानकारी भी बताई है । जो हर देश के बारे में हमको पता होना चाहिए ।
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